My Bicycle खुला आकाश मे मेरे विकास का पहला कदम, वह मेरी साइकिल का पहिया। जब खरीदने गया तब जैसे कोई प्लेन खरीदने जा रहा हू ऐसा आनंद था। घर लाकर आया तो मौका मिलते ही मैं देखता ही रहता था । प्लास्टिक का कवर भी नहीं छूट जाऐ, कुछ भी क्षतिग्रस्त ना हो वह ध्यान रखता था । हवा मे फैला प्रदूषण से मेरी धरती माता को मुक्त रखने में वह मेरा पहला योगदान था। शायद वह गोल्डन बायसीकल मेरी पहली प्रियतमा मेरे जीवन की यादों के रूप में मेरे हृदय सिंहासन पर सुवर्ण मुकुट मे सुरक्षित है। मन होता है साइकिल खरीदु और फिर वही दुनिया में लौट जाऊ।
©Rashmikant J Dave rjdave72
मन करता है फिर साइकिल खरीद लु और वही दुनिया में लौट जाऊं।
Rashmikant J Dave
Ahmedabad, Gujarat
rjdave72@gmail.com
#WorldBicycleDay2021