White अंत में तो सब बातों के मानी बदल जायेंगे,
इस कहानी के अंजाम से सब संभल जायेंगे।
यूं नींद पहले से भी कम ही आया करती थी,
अब कैसे तेरे बिन शामों को बहल जायेंगे।
किस्से कहानियों में ही नाम आने देते अपना,
किस तलाश में अकेले घर से निकल जायेंगे।
तूफ़ान के आने का इंतज़ार करना होता है,
बस अंदाजे से नहीं, साहिल से बगल जायेंगे।
कहा सुनी में बहुत कुछ कह सुन लिया हमने,
दो वजह जिस से दिल के बोझ पिघल जायेंगे।
जुल्फों में सुला लो, गर तुमको मुनासिब लगे,
उम्मीद है, गले लगोगे तो मेरे दिन बदल जायेंगे।
आस कैसे तोड़ोगे, उम्मीद से है "किताब वाला"
गर तुम चले गए, हम भी यहां से टल जायेंगे
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(किताब वाला)
©Deepak Mishra 'Kitab Wala'
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