धन ते रस क्या अर्थ है प्रभु जब तक हम धन का इस्तेमा | हिंदी कविता

"धन ते रस क्या अर्थ है प्रभु जब तक हम धन का इस्तेमाल तेरा समझ कर करते हैं तब तक ही चैन और सुकून देता है श्याम जिस क्षण मैं मेरी की भाव उत्पन्न होती है यही बेचैनी का कारण बन जाता है धन निरंकार जी ©Shyam Ved"

 धन ते रस क्या अर्थ है
प्रभु जब तक हम धन का इस्तेमाल तेरा समझ कर करते हैं तब तक  ही चैन और सुकून देता है श्याम जिस क्षण मैं मेरी की भाव उत्पन्न होती है यही बेचैनी का कारण बन जाता है
धन निरंकार जी

©Shyam Ved

धन ते रस क्या अर्थ है प्रभु जब तक हम धन का इस्तेमाल तेरा समझ कर करते हैं तब तक ही चैन और सुकून देता है श्याम जिस क्षण मैं मेरी की भाव उत्पन्न होती है यही बेचैनी का कारण बन जाता है धन निरंकार जी ©Shyam Ved

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