ऐसा नहीं है की मैंने संसारिक मोह को त्यागने की कोश
"ऐसा नहीं है की मैंने संसारिक मोह को त्यागने की कोशिश नहीं की , बहुत की । कई बार तो मैं सोचता हूँ कि संन्यासी ही बन जाऊं लेकिन एक सत्य की मैं अपने मन की चंचलता को स्थिर नहीं कर पाऊंगा और संन्यासी भी ढोंगी ही कहलाऊंगा।।"
ऐसा नहीं है की मैंने संसारिक मोह को त्यागने की कोशिश नहीं की , बहुत की । कई बार तो मैं सोचता हूँ कि संन्यासी ही बन जाऊं लेकिन एक सत्य की मैं अपने मन की चंचलता को स्थिर नहीं कर पाऊंगा और संन्यासी भी ढोंगी ही कहलाऊंगा।।