White घोट दिए वो सारे जज्बात, नोचकर हर रात खुद को
जिस्म सांसे लेने कतरा रहा है , उसकी बात मानकर अब तो
बहुत सी आवाजे है अंदर शायद उसके सिवा कोई सुन नहीं सकता
वो जनता है ये सब लेकिन फ़िर भी कुछ कर नहीं सकता
ज़ख्म भी ऐसे दिए है कि वक्त मरहम कभी बन नहीं सकेगा
और गुजरते वक्त के साथ होने वाले हादसों में लहू के सिवा कुछ नहीं दिखेगा
एक दिन सब शांत हो जाएगा उसमे
और वही लम्हा सबसे कयामती होगा
क्योंकि वो जो भी होगा सिर्फ़ झूठ होगा
उसके बोले गए हर लफ्ज़ से लेकर
चेहरे पर आई शिकन तक सब बनावटी होगा
तसल्लिया मिली है उसे ढेरों यकीनन
उन तसल्लियो की एक रोज नुमाइश भी होगी
उसे देने वाले पहले शख्स से ही
उन फैसलों के दस्ताओं की फरमाइश होगी
©Anushka_