अहम का वहम था जिसके जहन में अहम का वहम था जिसके जह
"अहम का वहम था जिसके जहन में अहम का वहम था जिसके जहन में आज वही घुटनों के बल गिढ गिढाया तितलियां पकड़ने को आतुर था जो बाप बन कर बेटी का आज वह फडफडाया |
लेख :- भट्ट भरदारी"
अहम का वहम था जिसके जहन में अहम का वहम था जिसके जहन में आज वही घुटनों के बल गिढ गिढाया तितलियां पकड़ने को आतुर था जो बाप बन कर बेटी का आज वह फडफडाया |
लेख :- भट्ट भरदारी