सुबह होती है शाम होती है ,, बस यूंही ये उम्र तमाम | हिंदी कविता

"सुबह होती है शाम होती है ,, बस यूंही ये उम्र तमाम होती है।। कट रही है जिंदगी अपने हिसाब से,, हर मोड़ पर करवट ले रही जिंदगी अपने इस लिवाज से।। ©A J"

 सुबह होती है शाम होती है ,,
बस यूंही ये उम्र तमाम होती है।।
कट रही है जिंदगी अपने हिसाब से,,
हर मोड़ पर करवट ले रही जिंदगी अपने इस लिवाज से।।

©A J

सुबह होती है शाम होती है ,, बस यूंही ये उम्र तमाम होती है।। कट रही है जिंदगी अपने हिसाब से,, हर मोड़ पर करवट ले रही जिंदगी अपने इस लिवाज से।। ©A J

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