White क्षमा दिवस है आज का, दिल से इसे मनाओ,
बातें जो दिल में रह गईं, अब उनको भूल जाओ।
जो भी दिल को चोट लगी, या दी हो किसी को,
क्षमा से दिल को पावन कर, बंधन सभी मिटाओ।
अपराधी हम सभी रहे, जाने-अनजाने में,
कभी वचन में तीखापन, कभी हंसी के बहाने में।
आओ आज क्षमा मांग लें, उन सबसे जिनसे भूल हुई,
नया सवेरा हो जीवन में, जहां कोई दूरी न रही।
क्षमा की शक्ति अमूल्य है, अहंकार से ये हटाती,
स्नेह की धारा बहा दे, मन को निर्मल बनाती।
हर क्षण हो क्षमा का भाव, हर दिल में हो ये बात,
मिले सभी को सुख-शांति, जीवन में नया हो प्रात।
"मिच्छामी दुक्कड़म" कहें, और दिल को हल्का कर लें,
प्रेम और करुणा के संग, जीवन को सुंदर कर लें।
क्षमापाना पर्व है, दया-करुणा का संदेश,
आओ इस पावन दिन पर, दिल से क्षमा करें और दें।
©aditi the writer
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