जख्मों को सुनने की ख्वाहिश हुई है, इस तरह मेरे दर् | हिंदी शायरी

"जख्मों को सुनने की ख्वाहिश हुई है, इस तरह मेरे दर्द की नुमाइश हुई है, सब कह रहे हैं मुझे, सुनना है आंसू, यानी मेरी शायरी की फरमाइश हुई है, ©सौरभ सिंह गिर्दाब"

 जख्मों को सुनने की ख्वाहिश हुई है,
इस तरह मेरे दर्द की नुमाइश हुई है,
सब कह रहे हैं मुझे, सुनना है आंसू,
यानी मेरी शायरी की फरमाइश हुई है,

©सौरभ सिंह गिर्दाब

जख्मों को सुनने की ख्वाहिश हुई है, इस तरह मेरे दर्द की नुमाइश हुई है, सब कह रहे हैं मुझे, सुनना है आंसू, यानी मेरी शायरी की फरमाइश हुई है, ©सौरभ सिंह गिर्दाब

#शायरी

#Corona_Lockdown_Rush

People who shared love close

More like this

Trending Topic