रात कर न कुछ बात।।।।।
बहुत दिनों बाद बैठे हैं तेरे साथ,
कुछ अपनी सुना कुछ मेरी सुन
कुछ बयां तो कर अपने जज़्बात।
कहनें को तो कई हैं मेरे पास
पर किसी ने नहीं समझे मेरे जज़्बात।
एक तु ही तो सुनता है मेरी हर बात,
तभी तो स्पष्ट है कि सबसे अच्छा साथी हैं रात
©Rishav Sah
#Night_thought