White किसी और कि मुझे जरूरत कहां,
मुझे खुद से फुर्सत कहां।
मेरा चंचल मन ले चलता है,
मुझे हर एक राह पर हर एक सफर में।
कौन कहता है , कि मैं जिंदगी के सफर में अकेली हूं ।
मैं तो अपनी सोच, विचार और चंचल मन की सहेली हूं।
तो फिर मैं भला कहां से अकेली हूं।
©Negi Girl Kammu
chanchl mn