White किसी और कि मुझे जरूरत कहां, मुझे खुद से फुर् | हिंदी Shayari

"White किसी और कि मुझे जरूरत कहां, मुझे खुद से फुर्सत कहां। मेरा चंचल मन ले चलता है, मुझे हर एक राह पर हर एक सफर में। कौन कहता है , कि मैं जिंदगी के सफर में अकेली हूं । मैं तो अपनी सोच, विचार और चंचल मन की सहेली हूं। तो फिर मैं भला कहां से अकेली हूं। ©Negi Girl Kammu"

 White किसी और कि मुझे जरूरत कहां,
मुझे खुद से फुर्सत कहां।
मेरा चंचल मन ले चलता है,
 मुझे हर एक राह पर हर एक सफर में।
 कौन कहता है , कि मैं जिंदगी के सफर में अकेली हूं ।
मैं तो अपनी सोच, विचार और चंचल मन की सहेली हूं।
तो फिर मैं भला कहां से अकेली हूं।

©Negi Girl Kammu

White किसी और कि मुझे जरूरत कहां, मुझे खुद से फुर्सत कहां। मेरा चंचल मन ले चलता है, मुझे हर एक राह पर हर एक सफर में। कौन कहता है , कि मैं जिंदगी के सफर में अकेली हूं । मैं तो अपनी सोच, विचार और चंचल मन की सहेली हूं। तो फिर मैं भला कहां से अकेली हूं। ©Negi Girl Kammu

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