पापा की परी मेरे अंदर जो बहती है उस नदिया की धार प

"पापा की परी मेरे अंदर जो बहती है उस नदिया की धार पिता भूल नहीं सकती जीवन भर मेरा पहला प्यार पिता मेरी इच्छाओं के आगे वो फौरन झुक जाते थे मेरी आँखों मे इक आँसू भी वो देख न पाते थे मेरे सारे सपनों को दे देते थे आकार पिता भूल नहीं सकती जीवन भर मेरा पहला प्यार पिता मेंरे जीवन की हर उलझन को हँस-हँस कर सुलझाया और हौसला बढ़ा बढ़ा कर आगे बढ़ना सिखलाया बनी इमारत जो मैं ऊँची हैं उसके आधार पिता भूल नहीं सकती जीवन भर मेरा पहला प्यार पिता स्वयं तपे सूरज जैसे पर मुझे छाँव दी बन बादल इक क्षण भी होने नहीं दिया मुझको आँखों से ओझल मुझे बिठाया डोली में तो दिखे बड़े लाचार पिता भूल नहीं सकती जीवन भर मेरा पहला प्यार पिता आज नहीं होकर भी वो मेरे अंदर ही जीवित है उनके आदर्शों पर चलकर मेरा जीवन सुरभित है सदा रहे हैं और रहेंगे मेरा तो संसार पिता भूल नहीं सकती जीवन भर मेरा पहला प्यार पिता ©VINAY PANWAR 🇮🇳INDIAN ARMY💕💕"

 पापा की परी मेरे अंदर जो बहती है उस नदिया की धार पिता
भूल नहीं सकती जीवन भर मेरा पहला प्यार पिता

मेरी इच्छाओं के आगे वो फौरन झुक जाते थे
मेरी आँखों मे इक आँसू भी वो देख न पाते थे
मेरे सारे सपनों को दे देते थे आकार पिता
भूल नहीं सकती जीवन भर मेरा पहला प्यार पिता

मेंरे जीवन की हर उलझन को हँस-हँस कर सुलझाया
और हौसला बढ़ा बढ़ा कर आगे बढ़ना सिखलाया
बनी इमारत जो मैं ऊँची हैं उसके आधार पिता
भूल नहीं सकती जीवन भर मेरा पहला प्यार पिता

स्वयं तपे सूरज जैसे पर मुझे छाँव दी बन बादल
इक क्षण भी होने नहीं दिया मुझको आँखों से ओझल
मुझे बिठाया डोली में तो दिखे बड़े लाचार पिता
भूल नहीं सकती जीवन भर मेरा पहला प्यार पिता

आज नहीं होकर भी वो मेरे अंदर ही जीवित है
उनके आदर्शों पर चलकर मेरा जीवन सुरभित है
सदा रहे हैं और रहेंगे मेरा तो संसार पिता
भूल नहीं सकती जीवन भर मेरा पहला प्यार पिता

©VINAY PANWAR 🇮🇳INDIAN ARMY💕💕

पापा की परी मेरे अंदर जो बहती है उस नदिया की धार पिता भूल नहीं सकती जीवन भर मेरा पहला प्यार पिता मेरी इच्छाओं के आगे वो फौरन झुक जाते थे मेरी आँखों मे इक आँसू भी वो देख न पाते थे मेरे सारे सपनों को दे देते थे आकार पिता भूल नहीं सकती जीवन भर मेरा पहला प्यार पिता मेंरे जीवन की हर उलझन को हँस-हँस कर सुलझाया और हौसला बढ़ा बढ़ा कर आगे बढ़ना सिखलाया बनी इमारत जो मैं ऊँची हैं उसके आधार पिता भूल नहीं सकती जीवन भर मेरा पहला प्यार पिता स्वयं तपे सूरज जैसे पर मुझे छाँव दी बन बादल इक क्षण भी होने नहीं दिया मुझको आँखों से ओझल मुझे बिठाया डोली में तो दिखे बड़े लाचार पिता भूल नहीं सकती जीवन भर मेरा पहला प्यार पिता आज नहीं होकर भी वो मेरे अंदर ही जीवित है उनके आदर्शों पर चलकर मेरा जीवन सुरभित है सदा रहे हैं और रहेंगे मेरा तो संसार पिता भूल नहीं सकती जीवन भर मेरा पहला प्यार पिता ©VINAY PANWAR 🇮🇳INDIAN ARMY💕💕

@Rana Rana @Suman Sharma @joloto short video Shrawan Bhargav @Ajay Sharma

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