चलो कहीं दूर चलकर
वहीं आशियाना बनाते है,
उस आशियानों में ही
अपने सपने को सजाते है।
2 गज की जमीन होंगी
ना किसी से बैर होगा,
आराम से रहेंगे वहीं
ना किसी के वफा का डर होगा,
सबको यही आना ही है
यही आशियाना बसाना ही है,
चलो थोड़े पहले चलके
अपना आशियाना बनाते है,
उस आशियानों में ही
अपने सपने को सजाते है।
@K Gupta
#peace