White श्रंगार का मैं लेखक श्रंगार ही लिखूंग | हिंदी Poetry

"White श्रंगार का मैं लेखक श्रंगार ही लिखूंगा कहता है दिल दिवाना दर्दों में ना बहूंगा श्रंगार का मैं लेखक श्रंगार ही लिखूंगा कहता है मन ये मेरा दुनिया से ना डरूंगा है तू ही मेरी चाहत नित नित ही मैं कहूंगा तुझको है माना राधा उस पर टिका रहूंगा श्रंगार का मैं लेखक श्रंगार ही लिखूंगा हैं प्रीत की जो रस्में उनको निभा रहूंगा नयनों में तेरे यारा दुनिया को देख लूंगा श्रंगार का मैं लेखक श्रंगार ही लिखूंगा हूं प्रेम मय में यारा बस प्रेम ही लिखूंगा राधा से यार चलता बस उसका नाम लूंगा श्रंगार का मैं लेखक श्रंगार ही लिखूंगा कोई कहे भले कुछ हरगिज नहीं डिगूंगा श्रंगार का मैं लेखक श्रंगार ही लिखूंगा कृष्णा ने जो दिया है उसको बचा रहूंगा जो यदि कभी डिगे तुम तुमको मैं थाम लूंगा श्रंगार का मैं लेखक श्रंगार ही लिखूंगा ©ANOOP PANDEY"

 White श्रंगार  का  मैं  लेखक  श्रंगार  ही   लिखूंगा
कहता  है  दिल  दिवाना  दर्दों में  ना  बहूंगा 
श्रंगार  का  मैं  लेखक  श्रंगार   ही  लिखूंगा 
कहता  है मन ये मेरा दुनिया  से  ना डरूंगा 
है तू  ही  मेरी  चाहत नित नित ही मैं कहूंगा 
तुझको  है  माना  राधा उस पर टिका रहूंगा 
श्रंगार  का   मैं  लेखक  श्रंगार  ही  लिखूंगा 
हैं  प्रीत की  जो  रस्में  उनको  निभा  रहूंगा
नयनों  में  तेरे  यारा  दुनिया को  देख  लूंगा 
श्रंगार  का  मैं  लेखक  श्रंगार  ही  लिखूंगा 
हूं  प्रेम मय में  यारा  बस  प्रेम  ही  लिखूंगा 
राधा से  यार  चलता बस उसका नाम लूंगा 
श्रंगार  का  मैं  लेखक  श्रंगार  ही  लिखूंगा 
कोई  कहे  भले  कुछ  हरगिज नहीं डिगूंगा 
श्रंगार  का  मैं  लेखक  श्रंगार  ही  लिखूंगा 
कृष्णा  ने  जो  दिया  है  उसको बचा रहूंगा 
जो यदि कभी डिगे तुम तुमको मैं थाम लूंगा 
श्रंगार  का  मैं  लेखक  श्रंगार  ही   लिखूंगा

©ANOOP PANDEY

White श्रंगार का मैं लेखक श्रंगार ही लिखूंगा कहता है दिल दिवाना दर्दों में ना बहूंगा श्रंगार का मैं लेखक श्रंगार ही लिखूंगा कहता है मन ये मेरा दुनिया से ना डरूंगा है तू ही मेरी चाहत नित नित ही मैं कहूंगा तुझको है माना राधा उस पर टिका रहूंगा श्रंगार का मैं लेखक श्रंगार ही लिखूंगा हैं प्रीत की जो रस्में उनको निभा रहूंगा नयनों में तेरे यारा दुनिया को देख लूंगा श्रंगार का मैं लेखक श्रंगार ही लिखूंगा हूं प्रेम मय में यारा बस प्रेम ही लिखूंगा राधा से यार चलता बस उसका नाम लूंगा श्रंगार का मैं लेखक श्रंगार ही लिखूंगा कोई कहे भले कुछ हरगिज नहीं डिगूंगा श्रंगार का मैं लेखक श्रंगार ही लिखूंगा कृष्णा ने जो दिया है उसको बचा रहूंगा जो यदि कभी डिगे तुम तुमको मैं थाम लूंगा श्रंगार का मैं लेखक श्रंगार ही लिखूंगा ©ANOOP PANDEY

#GoodMorning❤️ Sweety mehta @vineetapanchal Yuvika Shekhawat @Vireka Kemraj Shilpa Yadav Sweety mehta

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