प्यार और फ़रेब मैं चाहती थी उसको उम्रभर के लिए,
जिसने चाहा ना मुझे एक पल के लिए
मैं तकिए भिगोती रही यादों में उसकी
वो सोता रहा सुकून से चादर ओढ़े
मैं कतराती रही किसी और का हाथ पकड़ने से भी,
वो मुस्कुराता रहा किसी ओर की बाहों में बाहें डाल के!
©Alfaazdeepali deep
#प्यार_और_फ़रेब