White लम्हा लम्हा कम होना है"
खुशी खुशी जितना चाहो, जी लो जीवन को,
ये अनमोल समय का ,सच्चा हीरा ,मोती, सोना है।
बने रेत से इस तन को , इक दिन दीमक लग
जाएगी, निश्चित है इसको ,लम्हा लम्हा कम होना है।
पत्थर का कोई महल नहीं, ये मिट्टी का खिलौना है,
सांसों से टकरा टकरा कर,लम्हा लम्हा कम होना है।
©Anuj Ray
"लम्हा लम्हा कम होना है"