फ़ौजी और ख़त
अपनी कलम
झलकते चहरे की मुस्कान और ईमान बङा है मेरा।
तूफानों की कश्तीयो में मिट्टी के सहारे नाम पङा है मेरा।
जिन्दगी की परवाह नही मूझे झूमते हुए तिरंगे के पीछे
देश बङा है मेरा।
झलकते चहरे की मुस्कान और ईमान बङा है मेरा।
कान्ता कुमावत
©kanta kumawat
अपनी कलम
#Soldier