वीरान पड़ीं हैं हम सब की जिंदगी, पर वजीरों के बच्चे

"वीरान पड़ीं हैं हम सब की जिंदगी, पर वजीरों के बच्चे घर बसा रहें हैं । शायद! आम आदमी बेवकूफ हैं, जो रोज लाठियांँ खा रहें हैं ।। कर्नाटक समारोह // अनोज कुमार"

 वीरान पड़ीं हैं हम सब की जिंदगी,
पर वजीरों के बच्चे घर बसा रहें हैं । 
शायद! आम आदमी बेवकूफ हैं,
जो रोज लाठियांँ खा रहें हैं ।। 

कर्नाटक समारोह // अनोज कुमार

वीरान पड़ीं हैं हम सब की जिंदगी, पर वजीरों के बच्चे घर बसा रहें हैं । शायद! आम आदमी बेवकूफ हैं, जो रोज लाठियांँ खा रहें हैं ।। कर्नाटक समारोह // अनोज कुमार

कर्नाटक समारोह // अनोज कुमार
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