नए दौर में नए बिहार का चल रहा तैयारी है।
कम अब अपना खुद छीनंगे क्योंकि हम बिहारी हैं।
धरती की सीना चीर कर अन्न हमी उगाते हैं।
AC के कमरों में बैठ वो उसी अन्न को खाते हैं।
फिर हमें धक्के मार के कहते हैं येआदमी नहीं बीमारी है।
हक अब अपना खुद ......
पहले राष्ट्रपति से लेकर शून्य का ज्ञान हमने दिया।
अरे दादा परदादा से पूछो हमने है क्या क्या किया।
और भारत की इतिहास देखो तो आधी इतिहास हमारी है।
हक अब अपना खुद ......
अपनी मेहनत के बल पर हम ऐसी क्रांति लाएंगे।
खोया है जो स्वाभिमान हमारा वो स्वाभिमान हम फिर से पाएंगे।
और हर दिल में अब आग जलाकर भरना बस हुनकारी है।
हक अब अपना खुद .......
©VISHAL VAIRAJ
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