"हर कसौटी पर खरा उतरने की कोशिश मत किया करो,
मानव है तूँ ग़लतियों का पुतला, मर मर के ना जिया करो।
कोई मुकम्मल नहीं है इस जहां में, हौंसला खुद को दिया करो,
जितना है जैसा भी है, संतुष्ट रह, शुकराना ख़ुदा का किया करो।
हर परस्तिथि में प्रसन्नचित रह, ख़ुशियाँ दूसरों को भी दिया करो,
अच्छे कर्म कर के ओ बंदे, इंसानियत का फ़र्ज़ अदा किया करो।.
©Vasudha Uttam
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