पूरे चाँद वाली रात आ रही है
मुझे सनम तेरी याद आ रही है
दूरियाँ है दरमियाँ
दिल में एक कसक-सी है
तेरी निगाहों का देखना
यादों में उसकी चुभन-सी है
पूरे चाँद वाली रात आ रही है....
दीवानी धड़कन तुझे
संग मेरी हर साँस भी पुकारे
ऐ मेरे बिछड़े हमदम
कर हौंसला करीब आ जारे
पूरे चाँद वाली रात आ रही है....
इस मोहब्बत ने लूटा
भनक भी कुछ लगने नहीं दी
ख़ुशी से चलने नहीं थी
धड़कन गम में रुकने नहीं दी
पूरे चाँद वाली रात आ रही है....
©Singh Shayar
#Apocalypse