संभाला हु मगर नहीं संभल पाऊंगा, उसकी आरज़ू में फिर | हिंदी Shayari
"संभाला हु मगर नहीं संभल पाऊंगा,
उसकी आरज़ू में फिर कलाम उठाऊंगा,
जितना लिखू मैं ये बात आम नहीं है,
चाहत रही हमेशा वो ये बात मेरी कहानी है,
कोई बात ये आम नहीं है।।
.....Lovedeep"
संभाला हु मगर नहीं संभल पाऊंगा,
उसकी आरज़ू में फिर कलाम उठाऊंगा,
जितना लिखू मैं ये बात आम नहीं है,
चाहत रही हमेशा वो ये बात मेरी कहानी है,
कोई बात ये आम नहीं है।।
.....Lovedeep