"इंसानियत को हर रोज कुतरते जाएंगे लोग ,
मंदिर-मस्जिद के नाम पर उधड़ते जाएंगे लोग ,
गीता-कुरान की सोंधी खुशबू जीना सिखाती है ,
और जीने के नाम पर मरते जाएंगे लोग ,
-DHARMENDRA KASHYAP"
इंसानियत को हर रोज कुतरते जाएंगे लोग ,
मंदिर-मस्जिद के नाम पर उधड़ते जाएंगे लोग ,
गीता-कुरान की सोंधी खुशबू जीना सिखाती है ,
और जीने के नाम पर मरते जाएंगे लोग ,
-DHARMENDRA KASHYAP