White मुट्ठी से फिसलते रेत से हैं रिश्ते यहाँ
जरा सी हवा क्या लगी पलभर में किधर जाते हैं II
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गुरुर की दरो दीवार कर ऊँची उड़ जाते हैं लोग
चंद साँसे लाये उधारी न जाने कहाँ बिखर जाते हैं II
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©Kuldeep Dahiya "मरजाणा दीप"
#sad_shayari Nîkîtã Guptā @Anupriya अब्र The Imperfect Sudha Tripathi @Ashi Writes