परामर्श नियत अवधि पर आवश्यक हो जाती है जब आप किसी परिस्थती में निर्णय लेने में अपने को अक्षम पाते है। लिया गया परामर्श उस मनुज की बुद्धिमत्ता पर निर्भर करता है कि वह आपकी विपत्ति को कैसे समझ पाता है। अब आपका अवसर उस नीति को लागू करना है या नहीं जिससे आप कुछ हद तक अपने आप को संभला हुआ पाते हो । परामर्श विस्वास की गहरी नीव पे टिका होता है , किस विषयवस्तु पे आप विचारणीय हो।
©राहुल श्रीवास्तव