"तुम हकीकत नही हसरत हो
जो मिले ख्वाबों वो दौलत हो
किस तरह छोड़ दु जाना
तुम मेरी जिंदगी की आदत हो
मैं तुम्हारे ही दम से जिंदा हु
मर ही जाऊ जो तुम से फुरसत हो
दस्ता खत्म होने वाली है
तुम मेरी आखरी महोब्बत हो
जुटा सायर सच्छे नगमे"
तुम हकीकत नही हसरत हो
जो मिले ख्वाबों वो दौलत हो
किस तरह छोड़ दु जाना
तुम मेरी जिंदगी की आदत हो
मैं तुम्हारे ही दम से जिंदा हु
मर ही जाऊ जो तुम से फुरसत हो
दस्ता खत्म होने वाली है
तुम मेरी आखरी महोब्बत हो
जुटा सायर सच्छे नगमे