White मेरे और तेरे आखिरी मुलाक़ात की बस यही कहानी थी ,
वफा किसने किया,और किसीको बेवफा बतानी थी,
जब न रही गुंजाईस मोहब्बत को संभाल पाने की,
आक्षेपो का दौर चालू हुआ
ये सोच के सायद कोई बात फिर दिल को छु जाय,
प्यार न सही एक दूसरे के अहसानो को चुकाने के लिए सायद कुछ दिन साथ रहने का और हमदर्द बनने का मौका मिल जाय ,
बस यही जतानी थी,
जिद्द्द थी सायद फिर जिंदगी को वापस लाने की,
अनमोल थे वो पल फिर से न आने वाली थी,
बस यही सोच के अब परेशान जिन्दगानी थी,
©मलंग
#आखिरी_मुलाक़ात