करते जो घात सदा,गोल मोल बात सदा, झूठ बतलात सदा,सत् | हिंदी कविता Video

"करते जो घात सदा,गोल मोल बात सदा, झूठ बतलात सदा,सत्य के पुजारी बन। जिनका न कोई धर्म,दानवीय करें कर्म, थोड़ी भी नआये शर्म,घूमते शिकारी बन। भावना से खेल कर,स्वार्थ भरा मेल कर, आग में घकेल कर ,राज पद धारी बन। आते ही चुनाव नाव,चढ़ जाते प्रेम भाव, घूमें घर गाँव-गाँव,मत के भिखारी बन।। ©कुंज बिहारी यादव "

करते जो घात सदा,गोल मोल बात सदा, झूठ बतलात सदा,सत्य के पुजारी बन। जिनका न कोई धर्म,दानवीय करें कर्म, थोड़ी भी नआये शर्म,घूमते शिकारी बन। भावना से खेल कर,स्वार्थ भरा मेल कर, आग में घकेल कर ,राज पद धारी बन। आते ही चुनाव नाव,चढ़ जाते प्रेम भाव, घूमें घर गाँव-गाँव,मत के भिखारी बन।। ©कुंज बिहारी यादव

#RepublicDay

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