White गीता ९।११) {Bolo Ji Radhey Radhey}
'मेरे परम भाव को न जानने वाले
मूढ़लोग मनुष्य का शरीर धारण
करने वाले मुझ सम्पूर्ण भूतों के
महान् ईश्वर को तुच्छ समझते हैं,
अर्थात् अपनी योगमाया से संसार के
उद्धार के लिये मनुष्य रूप में विचरते
हुए मुझ परम् पिता को साधारण
विचरण करने वाला समझते हैं।
यह मेरी माया का स्वरुप हैं,
जो मनुष्य को भटकने में
मदद करती है।।
©N S Yadav GoldMine
#kargil_vijay_diwas गीता ९।११) {Bolo Ji Radhey Radhey}
'मेरे परम भाव को न जानने वाले
मूढ़लोग मनुष्य का शरीर धारण
करने वाले मुझ सम्पूर्ण भूतों के
महान् ईश्वर को तुच्छ समझते हैं,
अर्थात् अपनी योगमाया से संसार के
उद्धार के लिये मनुष्य रूप में विचरते
हुए मुझ परम् पिता को साधारण