अंतर्मन की बारिशें :-
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अंतर्मन की बारिशें भिगाती रहीं दिन-रात,
क्या खोया क्या पाया कैसे बिगड़े हालात।
सरल नहीं होता सरल रहना कभी -कभी,
जब कोई समझता नहीं दिल-ए-ज़ज्बात।
अर्चना तिवारी तनुजा
©Archana Tiwari Tanuja
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#MyThoughts 11/09/2023