#ham #Khoon bhi hain,#Talwaar bhi hai ye bajme jahan mahkayenge*🎯मय्यत के घर वालो का पहली ईद पर ईद न मनाने की रसम🎯*
_मुआशरे में एक रिवाज यह भी है के जब किसी के घर मय्यत हो जाती है तो इस साल जो पहली ईद या बकरा ईद आती है मय्यत के घर वाले वो ईद नही मनाते ,अच्छा लिबास नही पहनते, अच्छा खाना नही बनाते,औरतें जेबो ज़ीनत नही करती, खुद किसी के घर नही जाती,क़रीबी रिश्तेदारों या नज़दीक के तअल्लुक़दार अपने घर से उन के यहां खाना लेकर जाते हैं, और वही खाना उनको खिलाते हैं,_
_अजीब बात है उन तमाम चीजों को लोग बड़ी पाबंदी से करते है और उसके खिलाफ करने को बहोत बुरा और ऐब वाला समझ जाता है_
*_यह सब बातें गैर शरई रुसूमात हैं,शरीयत में इनकी कोई हैसियत नही है यह गैरों का तरीका है इस्लामी तरीका नही है,लिहाजा यह सब क़ाबिले तर्क (छोड़ने के काबिल है इस तरह के रुसूमात से बचना चाहिए)_*