मेरी यादों में बसी ख़्वाबों में सजी मेरे मन मंदिर क

"मेरी यादों में बसी ख़्वाबों में सजी मेरे मन मंदिर की मीत हो तुम मेरे सांस - सांस पर साथ चली वो खुदा की बनाई रीत हो तुम कभी गर्म आग सी फटकार , कभी शीतल जल सा प्यार सुनकर जिसे सुकुन मिल जाये वो जीवन की मेरी संगीत हो तुम ©Amit Chaturvedi"

 मेरी यादों में बसी ख़्वाबों में सजी मेरे मन मंदिर की 
मीत हो तुम 
मेरे सांस - सांस पर साथ चली वो खुदा की बनाई 
रीत हो तुम
कभी  गर्म  आग  सी  फटकार  , कभी  शीतल  
जल  सा प्यार 
सुनकर जिसे सुकुन मिल जाये वो जीवन की मेरी 
संगीत हो तुम

©Amit Chaturvedi

मेरी यादों में बसी ख़्वाबों में सजी मेरे मन मंदिर की मीत हो तुम मेरे सांस - सांस पर साथ चली वो खुदा की बनाई रीत हो तुम कभी गर्म आग सी फटकार , कभी शीतल जल सा प्यार सुनकर जिसे सुकुन मिल जाये वो जीवन की मेरी संगीत हो तुम ©Amit Chaturvedi

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