"हिन्दी के लिए
तुतलाता तुझी में बोला, माँ बोल मुह खोला।
तेरे अंक मे शब्द हजार ,कभी बर्फ, कभी शोला
हिन्दी के लिए माँ जैसी भावनाएँ लिए ,
लिख देता हूँ , कभी तोला ,कभी नही तोला।
🙏 पवन ॐ शर्मा🙏"
हिन्दी के लिए
तुतलाता तुझी में बोला, माँ बोल मुह खोला।
तेरे अंक मे शब्द हजार ,कभी बर्फ, कभी शोला
हिन्दी के लिए माँ जैसी भावनाएँ लिए ,
लिख देता हूँ , कभी तोला ,कभी नही तोला।
🙏 पवन ॐ शर्मा🙏