White पुराना कुछ भूलने के लिए रोज़ कुछ नया, लिखना | हिंदी Shayari

"White पुराना कुछ भूलने के लिए रोज़ कुछ नया, लिखना पड़ता है, नज़र ना आ जायें बेचैनियां किसी को इसलिए कल से थोड़ा बेहतर, दिखना पड़ता है, गलती से भी किसी को तकलीफ ना दें दु । इसलिए कभी कभी बेवजह, झुकना पड़ता है, दिल का बोझ जुबां पे ना आ जाए इसलिए रोज़ थोड़ा थोड़ा, टूटना ड़ता है, जो सपने चाह कर भी हासिल ना हो सके उनकी याद में रोज़ थोड़ा थोड़ा, मिटना पड़ता है, ये तन्हाईयां कहीं पसंद ना आने लगे इसलिए ग़ैरों के साथ भी टिकना पड़ता है। ©BROKENBOY"

 White पुराना कुछ भूलने के लिए
रोज़ कुछ नया, लिखना पड़ता है,

नज़र ना आ जायें बेचैनियां किसी को
इसलिए कल से थोड़ा बेहतर, दिखना पड़ता है,

गलती से भी किसी को तकलीफ ना दें दु ।
इसलिए कभी कभी बेवजह, झुकना पड़ता है,

दिल का बोझ जुबां पे ना आ जाए
इसलिए रोज़ थोड़ा थोड़ा, टूटना ड़ता है,

जो सपने चाह कर भी हासिल ना हो सके
उनकी याद में रोज़ थोड़ा थोड़ा, मिटना पड़ता है,

ये तन्हाईयां कहीं पसंद ना आने लगे
इसलिए ग़ैरों के साथ भी टिकना पड़ता है।

©BROKENBOY

White पुराना कुछ भूलने के लिए रोज़ कुछ नया, लिखना पड़ता है, नज़र ना आ जायें बेचैनियां किसी को इसलिए कल से थोड़ा बेहतर, दिखना पड़ता है, गलती से भी किसी को तकलीफ ना दें दु । इसलिए कभी कभी बेवजह, झुकना पड़ता है, दिल का बोझ जुबां पे ना आ जाए इसलिए रोज़ थोड़ा थोड़ा, टूटना ड़ता है, जो सपने चाह कर भी हासिल ना हो सके उनकी याद में रोज़ थोड़ा थोड़ा, मिटना पड़ता है, ये तन्हाईयां कहीं पसंद ना आने लगे इसलिए ग़ैरों के साथ भी टिकना पड़ता है। ©BROKENBOY

#love_shayari
पुराना कुछ भूलने के लिए
रोज़ कुछ नया, लिखना पड़ता है,

नज़र ना आ जायें बेचैनियां किसी को
इसलिए कल से थोड़ा बेहतर, दिखना पड़ता है,

गलती से भी किसी को तकलीफ ना दें दु ।

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