गुम सा हो गया हूँ,खुद से खुद में मैं जो था म | हिंदी शायरी
"गुम सा हो गया हूँ,खुद से खुद में
मैं
जो था मैं वो हूँ नही
जिस मंजिल के लिए निकला था
मैं
शायद उस रास्ते पर हूँ नही
मैं
इस जमाने की भीड़ में सब अपने ही तो दिख रहे है
तो क्या शराबी हो गया हूँ
मैं..."
गुम सा हो गया हूँ,खुद से खुद में
मैं
जो था मैं वो हूँ नही
जिस मंजिल के लिए निकला था
मैं
शायद उस रास्ते पर हूँ नही
मैं
इस जमाने की भीड़ में सब अपने ही तो दिख रहे है
तो क्या शराबी हो गया हूँ
मैं...