शहर नया था इस शहर में मै
पूरा शहर देखने का ख्याल था मेरा ,
पर
एक तेरे मिलने के बाद फिर ये ख्याल मेरा न रहा .....
तू साथ हो तो शहर रोशन सा लगता है
न हो तो खामोश सा बैठा रहता है ।
इसी शहर में मिला था मैं तुमसे पहली बार , और अपनी जिंदगी से भी।
साथ कदम रखे थे हमने इसकी गलियों में ।
शामें देखी थी साथ , मुस्कुराया था साथ ।
मगर अब फिर तू जा चुकी है इस शहर से
तो वो बातें नही रही इसमें जो मैं फिर से
मिलूं इस शहर से ।
# शहर