किस डग जाऊँ किस पग जाऊँ
यहाँ डगर डगर पर रावण बैठा है
राम समझ जिससे मांगूगी छाया
क्या पता उसमें भी रावण बैठा हो
उस दौर की सीता रही पवित्र
उस दौर का रावण भी कमाल था
इस दौर की सीता हुई बेआबरू
इस दौर का रावण बीमार है
अब वक़्त है आया नारी शक्ती दिखाने का
अब वक़्त है आया दुष्टों को बतलाने का
है आग हमीं ज्वाला भी हम
अब वक्त है महिषासुर को जलाने का