#Poetryunpluged
निकलेगा हल,
आज नहीं तो कल।
मत हो निराश,
ले चल मन विश्वास।।
ढलने के बाद भी,
दिन आता निकल
मत हो निराश,
ले चल मन विश्वास।
निकलेगा हल,
आज नहीं तो कल।।
ये मत पूछना,
कल को किसने देखा।
बड़े ही यतन से,
सोच कर हमनें लिखा।
हर कदम रख,
यहां तू संभल।
मत हो निराश,
ले चल मन विश्वास।
निकलेगा हल,
आज नहीं तो कल।।
गिरिजा नन्द मिश्र
पूर्णिया बिहार
©Girijanand Mishra
निकलेगा हल
आज नहीं तो कल।
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