अपने कोमल भावों को, स्नेहित क्षणों में पिरो कर,
तुम्हारे आलिगंन की ख़ुशबू भर कर,
चलो फीकी पड़ी सी जिन्दगी में रंग भरते हैं..
फिर से तेरे दिल में आने को हम इज़हार करते हैं !!
विश्वास की डोर को मजबूत कर,
हृदय की धड़कनों को सहेज कर,
रब से हमारे नसीब में मसर्रत माँगते हैं..
चलो फिर से तेरे दिल में आने को हम इज़हार करते हैं !!
खुशी के पलों में साथ रहकर,
ग़म के पलों में सदा साथ देकर,
जब तक मर्ज़ी ना हो तुम्हारी, तुम पर हक़ ना जताकर,
हर साँस में ज़िक्र, हर नफ़स फिक्र तेरा करते हैं..
फिर से तेरे दिल में आने को हम इज़हार करते हैं !!
फिर से तेरे दिल में आने को हम इज़हार करते हैं !!
©Pratyush Gautam
अपने कोमल भावों को, स्नेहित क्षणों में पिरो कर,
तुम्हारे आलिगंन की ख़ुशबू भर कर,
चलो फीकी पड़ी सी जिन्दगी में रंग भरते हैं..
फिर से तेरे दिल में आने को हम इज़हार करते हैं !!
विश्वास की डोर को मजबूत कर,
हृदय की धड़कनों को सहेज कर,
रब से हमारे नसीब में मसर्रत माँगते हैं..