सब पास पास होकर भी इतनी दूर हे ये कोरोना नही मोबाइल का फितूर हैं दुनिया भर में सब का हाल पूछते हैं पर घरवालो से फिर भी दूर हैं ये कोरोना नही मोबाइल का फितूर हैं बच्चे भूल गये सब खेल पूराने सब मोबाइल में मसगुल हैं ये कोरोना नही सब मोबाइल का फितूर हैं
भूल गये पुरानी पाठशाला ऑनलाइन का ही जोर हैं ये कोरोना नही सब मोबाइल का ही फितूर हैं भूल गये यार पूराने अब इंस्टाग्राम ओरफल फेसबुक का जोर हैं यो कोरोना नही मोबाइल का फितूर हैं
उमेश भोडवाल
फर्रुखनगर
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