*परिनिर्वाण दिवस पर बाबा साहब को समर्पित रचना*
*बाबा साहब अमर रहें*👏🏻👏🏻
कर्म क्षेत्र की इस दुनिया में
कर्म सभी करने आते है।
कोई खुद डूब जाते है
कोई औरो को भी पार लगाते हैं।
ऐसा एक मानवता का मसीहा
भारत भूमि पर आया
तोड़ी मनुवाद की बेडियाँ
मानव को मानव होने का एहसास दिलाया
शिक्षा और समानता के लिए
जो लडे जीवनभर डटकर
प्यार से कहते है लोग इन्हें
बाबा साहब भीमराव अम्बेडकर
इनकी कोशिशों को मालूम था
मनुवाद से कैसे लड़ना है
संकल्प एक यही था मन में
सबको समता का अधिकार दिलाना है।
मुश्किलों ने इरादों को
जीवनभर आजमाया
कदम कदम पर मनुवादियों ने सताया
कोशिशें लाख की इनको गिराने की
मगर वो क्या गिरते
जिनको ठोकरों ने ही चलना सिखाया
मुश्किलों से जो घबराए नहीं
बढ़ते कदम पीछे हटाए नहीं
नाम कर दिया पूरे जहान में
मैं शीश झुकाता हूं
बाबा साहब के सम्मान में
गर्व से कहता हूं
बाबा साहब की शान मे
चांद तारों की उपमाएं भी
कम है बाबा साहब के सम्मान में
ये धरती ,ये गगन जब तक रहे
बाबा साहब का इतिहास अमर रहें
अमर रहें.... जय भीम🙏🏻🙏🏻
*बबलेश कुमार*