खुशबू *जिंदगी सुंदर है पर मुझे.* *जीना नह | हिंदी कविता
"खुशबू *जिंदगी सुंदर है पर मुझे.*
*जीना नहीं आता,*
*हर चीज में नशा है पर मुझे.*
*पीना नहीं आता,*
*चाहे कोई इसके बिना. जी सकते हैं,*
*पर मुझे "माँ नर्मदा या गंगा" के बिना. जीना* नहीं आता,*"
खुशबू *जिंदगी सुंदर है पर मुझे.*
*जीना नहीं आता,*
*हर चीज में नशा है पर मुझे.*
*पीना नहीं आता,*
*चाहे कोई इसके बिना. जी सकते हैं,*
*पर मुझे "माँ नर्मदा या गंगा" के बिना. जीना* नहीं आता,*