White **एक मर्द का अभिमान** जितना ऊँचा हो उसका सि | हिंदी Poetry

"White **एक मर्द का अभिमान** जितना ऊँचा हो उसका सिर, अभिमान में वो गुमसुम, कभी खुद को समझे शेर, पर भीतर से है वो खामोश। चमकती कार, महंगी घड़ी, सपनों की ऊँचाई पर, सोचता है वो सबसे बड़ा, पर खुद की परछाई से डरता। सच की एक बूँद टपकी, जब सामने आया आईना, अभिमान के सारे पहाड़, धड़कन में बिखरे ख्वाब। तोड़ दो उसकी कड़ी, सच्चाई से कर दो सामना, एक झलक में ही वो समझेगा, बिना भाव के भी है जीना। इस दुनिया की चकाचौंध में, उसकी शक्ति नहीं, मानवता है, अभिमान की ऊँचाई को छूकर, वो फिर से इंसानियत पाएगा। ©Prakhar Tiwari"

 White **एक मर्द का अभिमान**

जितना ऊँचा हो उसका सिर,  
अभिमान में वो गुमसुम,  
कभी खुद को समझे शेर,  
पर भीतर से है वो खामोश।

चमकती कार, महंगी घड़ी,  
सपनों की ऊँचाई पर,  
सोचता है वो सबसे बड़ा,  
पर खुद की परछाई से डरता।

सच की एक बूँद टपकी,  
जब सामने आया आईना,  
अभिमान के सारे पहाड़,  
धड़कन में बिखरे ख्वाब।

तोड़ दो उसकी कड़ी,  
सच्चाई से कर दो सामना,  
एक झलक में ही वो समझेगा,  
बिना भाव के भी है जीना। 

इस दुनिया की चकाचौंध में,  
उसकी शक्ति नहीं, मानवता है,  
अभिमान की ऊँचाई को छूकर,  
वो फिर से इंसानियत पाएगा।

©Prakhar Tiwari

White **एक मर्द का अभिमान** जितना ऊँचा हो उसका सिर, अभिमान में वो गुमसुम, कभी खुद को समझे शेर, पर भीतर से है वो खामोश। चमकती कार, महंगी घड़ी, सपनों की ऊँचाई पर, सोचता है वो सबसे बड़ा, पर खुद की परछाई से डरता। सच की एक बूँद टपकी, जब सामने आया आईना, अभिमान के सारे पहाड़, धड़कन में बिखरे ख्वाब। तोड़ दो उसकी कड़ी, सच्चाई से कर दो सामना, एक झलक में ही वो समझेगा, बिना भाव के भी है जीना। इस दुनिया की चकाचौंध में, उसकी शक्ति नहीं, मानवता है, अभिमान की ऊँचाई को छूकर, वो फिर से इंसानियत पाएगा। ©Prakhar Tiwari

#sad_quotes **एक मर्द का अभिमान**

जितना ऊँचा हो उसका सिर,
अभिमान में वो गुमसुम,
कभी खुद को समझे शेर,
पर भीतर से है वो खामोश।

चमकती कार, महंगी घड़ी,

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