आपकी कशिश...,,
कुछ यूँ मदहोश करती है..
समझाता दिल को बहुत हूँ..,,
फिर भी नशे में सराबोर करती है...
तेरी हर सांस सजदा करती है,,
तेरी हर नज़र में इबादत होती है..
एक रूमानी सी कशिश मेरे अंदर उठती है...,,
जब तू अपनी पलकें उठाती है..,,
तू ज़ुल्फ़ जब बिखराती है, घनी धूप में,...,,
हर एक कतरे के दामन में छाँव हो जाती है..,
हर वक़्त तेरी बातें, हर वक़्त तेरी यादें,,...
कायल कर देती है मुझे तेरी इन्हीं अदाओं की...
नज़र से नज़र जब तू मिलाती है,,
तन बदन में मानो बिजली सी दौड़ जाती है..
चाहत इस क़दर बेकरार हो जाती है...,,
मेरी रोम-रोम तेरी प्यार में गिरफ्तार हो जाती है..!!
#waiting #my fevrt sakshi