तू अब जलन के घर बनाना छोड़ दे नफरतों को पर लगाना छ | हिंदी शायरी

"तू अब जलन के घर बनाना छोड़ दे नफरतों को पर लगाना छोड़ दे बेयकिनी हर जगह अच्छी नहीं तू घर वालों को आजमाना छोड़ दे ©Shubham Parbaj Sankat "

 तू अब जलन के घर बनाना छोड़ दे
नफरतों को पर लगाना छोड़ दे
बेयकिनी हर जगह अच्छी नहीं
तू घर वालों को आजमाना छोड़ दे

©Shubham Parbaj Sankat

तू अब जलन के घर बनाना छोड़ दे नफरतों को पर लगाना छोड़ दे बेयकिनी हर जगह अच्छी नहीं तू घर वालों को आजमाना छोड़ दे ©Shubham Parbaj Sankat

#Rose 😎😎😎 @Author shivam kumar mishra Suman Zaniyan

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