किसी की मुस्कुराहट किसी के आंसू
किसी की धड़कन किसी के मकान ले गई
ताश के पत्तों सी जिन्दगी जो बनी
किसी का सपना तो किसी की शान ले गई!
रात काली फिर बात काली
नशा किस बात का रखा है
कडियाँ तो दिमाग में हैं बाकी
हर किसी को यहाँ आजाद रखा है!
हर किसी को मिली है सीढ़ीया बराबर
मगर उपर चढाने के लिए भी क्या
किसी ने ठेका ले रखा है!
ये खूबसूरत जिन्दगी है हर पल बेहतरीन है
रोने वालो के लिए ये नरक
और बाकियों ने तो इसे ही स्वर्ग रखा है!
कुसूरवार ठहराकर बेकसूर को तुम्हारी
इक दिन जय कार होगी
मै हूँ आप हो या हो बादशाह कही का
हर एक के लिए यहाँ शमशान रखा है!
©Ayush Dhiman
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