इस बार दीवाली कुछ ऐसे मनाये,
राष्ट्र की समस्याओ को मिटा ,
नये युग का दीपक जलाये,
प्रकाशित राष्ट्र हों,
कुछ ठोस उपाय कर जायें,
इस बार दीवाली कुछ ऐसे मनाये।
जाति, धर्म की खाई को पाट जायें,
दिलो को बांटने बाली राजनीति का,
एकता की शक्ति से अंत कर जाये,
सब को समान अधिकार हों,
ऐसा ठोस उपाय कर जायें,
इस बार दीवाली कुछ ऐसे मनायें।
हमें अगड़े पिछड़े में बांटने बालो को,
कड़ा सबक सिखायें,
आरक्षण के रावण का बध कर जाये,
राष्ट्र को निगल रहें भ्रष्टाचार को,
हम निगल जाये,
राष्ट्र घातियों से निपटने को,
स्थायी ठोस उपाय कर जाये,
इस बार दीवाली कुछ ऐसे मनायें।
माँ भारती के सारे कष्ट मिटा जायें,
छुपे हुये सपोलों को मार भगायें,
बिघटनकारी राजनीति का अंत कर जाये,
राष्ट्र रक्षा के वलिदानियों को,
ऐसा ठोस उपहार दें जायें,
कि वो स्वर्ग में भी देख कर मुस्कराये,
इस बार दीवाली कुछ ऐसे मनायें।
©IG @kavi_neetesh
इस बार दीवाली कुछ ऐसे मनायें
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इस बार दीवाली कुछ ऐसे मनाये,
राष्ट्र की समस्याओ को मिटा ,
नये युग का दीपक जलाये,
प्रकाशित राष्ट्र हों,
कुछ ठोस उपाय कर जायें,
इस बार दीवाली कुछ ऐसे मनाये।