जग की न मित्रता चाहिए मुझे। हे जगदीश सखा तुम बन जा | हिंदी Poetry

"जग की न मित्रता चाहिए मुझे। हे जगदीश सखा तुम बन जाओ। ये जग वाले देखते रह जाए... तुम ऐसी प्रीत निभा जाओ।। मित्रता दिवस की आप सभी को हार्दिक शुभकामनाएं🙏 ©Rimpi chaube"

 जग की न मित्रता चाहिए मुझे।
हे जगदीश सखा तुम बन जाओ।
ये जग वाले देखते रह जाए...
तुम ऐसी प्रीत निभा जाओ।।

मित्रता दिवस की आप सभी को हार्दिक शुभकामनाएं🙏

©Rimpi chaube

जग की न मित्रता चाहिए मुझे। हे जगदीश सखा तुम बन जाओ। ये जग वाले देखते रह जाए... तुम ऐसी प्रीत निभा जाओ।। मित्रता दिवस की आप सभी को हार्दिक शुभकामनाएं🙏 ©Rimpi chaube

#जगदीश_सखा_तुम_बन_जाओ❤️💑🥰
जग की न मित्रता चाहिए मुझे।
हे जगदीश सखा तुम बन जाओ।
ये जग वाले देखते रह जाए...
तुम ऐसी प्रीत निभा जाओ।।

मित्रता दिवस की आप सभी को हार्दिक शुभकामनाएं🙏 poetry love poetry in hindi hindi poetry on life poetry on love hindi poetry

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