White जोबन मद रमणी तजे, रिश्ते नाक चढ़ाय।
सब दिन रहें न एक से, प्रौढ़ भये पछताय।।
चार दिनों की बात है, क्यों करता अभिमान।
सब दिन रहें न एक से, सबका हो अवसान।।
सब ही हैं भगवान के, सब में ही भगवान।
इसी भॉंति जीवन जिये, हरिजन सोई जान।।
जो आया सो जायगा, चार दिनों की शान।
किसके रोके रुक सका, विधि का यही विधान।।
©Shiv Narayan Saxena
#Sad_Status सदा रहे न एक सि hindi poetry